आज हम लेख मे ऐसे महान व्यक्ति के बारे मे आपको जांनकारी देने वाले है जीनको इंट्रोडक्शन की जरूरत नही और कोई पढा लिखा इनसान इन्हे नही पेचानता ऐसा पुरे भारत मे क्या दुनिया मे नही मिलेगा हम बात कर रहे है महात्मा गांधीजी के बारे मे गांधी जयंती साल मे अक्टुबर महीने के 2 तारीक को आती है आयिये जानते है ऊनके 151 वी जयंती के मोके पर कुछ बाते।
2 अक्टुबर जिसे संयुक्त राष्ट्र ने 15 जून 2007 को विश्व अहिंसा दिवस (World Non Violence Day) के रूप मे मान्यता दी है ऐसे व्यक्ति के लीये जिन्हे भारत मे राष्ट्र पिता (father of nation) बापु और महात्मा के नामो से पुकारा जाता है।
जिनकी तस्वीर हर सरकारी ऑफिस, स्कूल और college मे देखने को मिळती है जिंके बिना ये देश अधुरा है
महात्मा गांधी जयंती 2020 मे 151 वर्ष
महात्मा गांधी जन्म दिवस का celebration भारत सहित पुरे दुनिया मे हर्ष उल्हास से मनाया जा रहा है और आगे भी मनाया जायेगा, गांधी जयंती 2020 मे 151 वर्ष पुरे हो रहे है हम अशा करते हई इस मोके पार सरकार नई योजना जाहीर करेगी।
जब गांधी जयंती 2019 मे 150 जयंती मनाई गयी उस वक्त इस शुभ घडी पर भारत सरकार द्वारा 150 Rs का सिक्का जनता को समर्पित किया था।
दूसरा गांधीजी स्वछता के बहुत आदि थे इसी लीये ऊनकी जयंती भारत मे स्वछता की क्रांति के रूप मे जानी जाती है इसी लीये भारत सरकारने 2019 की गांधी जयंती पर Open Defecation Free (ODF) मतलब भारत मे खुले में शौच से मुक्तता के लीये भारत सरकार ने देश मे शोचालाय बनाने का काम शुरू कीया, जो काफी हद तक सफल रहा।
भारत सरकार हर साल गांधी जयंती पर कुछ ना कुछ निश्चय करती है और उसे आगले जयंती तक पुरा करणे का टार्गेट रखती है जैसे उन्होने गांधी जयंती 2018 मे टार्गेट रखा वैसा ही कुछ सरकार गांधी जयंती 2021, गांधी जयंती 2022 पर भी ऐसा ही कुछ करती दिखायी देगी।
महात्मा गांधी पर निबंध की प्रतियोगिताये
हमे सबको पता है 2 अक्टुबर यानी गांधी जयंती पर भारत मे सरकारी और बहुतसे प्रायवेट संस्थानो की छुट्टी होती है मगर स्कूल मे खास इस दिन महात्मा गांधी पर निबंध प्रतियोगिता स्कूलो की तरफ से आयोजित की जाती है जिसमे बच्चे बढ चढ कर हिस्सा लेते है।
गांधीजी का नाम महात्मा कैसे पडा गांधीजी को महात्मा सबसे पहली बार रविंद्रनाथ टैगोर ने कहा था तब से वो नाम लोगो के जुबान पे चढ गया जो अब टक चल रहा है।
ज्यादा तर बच्चो को और बडो को महात्मा गांधी की history पता है की महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के सोराष्ट्र इलाके के पोरबंदर नाम की जगह मे हुवा है और गांधीजी का पुरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, ऊनकी पत्नी का नाम कस्तुरभा मोहनदास गांधी था ऊनके पिता का नाम करमचंद उत्तमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई मोहनदास गांधी था।
महात्मा गांधीजी के बारे में थोड़ी जानकारी
गांधीजी के भाई बहन
एक खास बात ने हमरा ध्यान खिचा ज्यादातर लोगो को गांधीजी के माता पिता और पत्नी का नाम तो पता है और ऊनके देश के लीये किये गये कार्य भी लग भग सभी को पता है।
जिसे ज्यादा तर हमे स्कूलो मे पढाया भी गया है मगर ऊनके भाई बहन का नाम कोई नही जानता या फिर जानते भी है वो बोहत कम लोग है।
यह जानकारी बडे और बच्चो के लीये खास है बच्चे निबंध लिखते वक्त इस जानकारी को ध्यान मे रखे जो आपको स्कूल मे निबंध लिखते समय दुसरो से अलग खडा करेगी करेगी।
गांधीजी के दो भाई और तीन बहन थी जिनका नाम था।
- लक्ष्मीदास गांधी
- पनकुंवरबेन गांधी
- मूलीबेन गांधी
- रलियथबेन गांधी
- करसनदास गांधी
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गांधीजी के बच्चे
जैसे गांधी जी के भाई बेहन के बारे मे काम जांकरी है वैसे ही गांधीजी के बच्चो के बारे मे भी बोहत कम जानकारी उपलब्ध है बहुत कम लोगो को पता होगा की गांधीजी के चार बच्चे थे जिनका नाम कुछ इस प्रकार है।
1. हरिलाल गांधी
हरिलाल मोहनदास गांधी जो गांधीजी और कस्तूरबा गांधी के सबसे बड़े पुत्र थे जिनका जन्म दिल्ली मे हुवा था इनका जीवन काफी उतार चढाव और विवादो भरा रहा मई 1936 में 48 साल की उम्र में हरिलाल गांधी ने सार्वजनिक रूप से इस्लाम अपना लिया और नाम अब्दुल्ला गांधी रख लिया था।
मगर बाद में 1936 में अपनी माँ कस्तूरबा गांधी के अनुरोध पर उन्होंने आर्य समाज के माध्यम से हिंदू धर्म में वापसी की और एक नया नाम हीरालाल को अपनाया।
गांधीजी की मृत्यु के चार महीने बाद, 18 जून 1948 की रात 59 वर्ष की आयु में हरिलाल की भी मृत्यु हो गई उनकी मृत्यु मुंबई के एक म्युनिसिपल अस्पताल में हुई।
2. मणिलाल गांधी
मणिलाल मोहनदास गांधी जो गांधीजी के और कस्तूरबा गांधी के दूसरे पुत्र थे जिनका जन्म राजकोट मे हुवा था।
3. रामदास गांधी
रामदास मोहनदास गांधी जोगांधीजी के तीसरे बेटे थे उनका जन्म दक्षिण अफ्रीका में हुआ था।
उनके के तीन बच्चे थेसुमित्रा गांधी, कनू गांधी और उषा गांधी, वे भी अपने पिता के भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय थे।
4. देवदास गांधी
देवदास मोहनदास गांधी जोगांधीजी के चौथे और सबसे छोटे पुत्र थे इनका भी जन्म दक्षिण अफ्रीका में हुवा था और एक युवा के रूप में अपने माता-पिता के साथ भारत लौट आये वह अपने पिता के आंदोलन में भी पुरजोर सक्रिय रहे और उन्होनेजेल में कई दिन इस वजह बिताये।
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